FARMER REGISTRY UP
उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए किसान रजिस्ट्री योजना के लिए पंजीकरण करने की समय सीमा 31 जनवरी, 2025 तक बढ़ा दी है। किसानों को प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए यह पंजीकरण अनिवार्य है।
FARMER REGISTRY UP
किसान निम्नलिखित तरीकों से किसान रजिस्ट्री के लिए पंजीकरण कर सकते हैं:
* ऑनलाइन: आधिकारिक वेबसाइट ([अमान्य यूआरएल हटा दिया गया]) या मोबाइल ऐप “किसान रजिस्ट्री यूपी” के माध्यम से।
* ऑफ़लाइन: सामान्य सेवा केंद्रों (सीएससी) पर मामूली शुल्क का भुगतान करके।
उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को पंजीकरण प्रक्रिया में मदद करने के लिए हर गांव में शिविर भी लगाए हैं। इन शिविरों का संचालन कृषि विभाग के लेखपालों और तकनीकी सहायकों द्वारा किया जाएगा।
याद रखने योग्य मुख्य बिंदु:
* पीएम-किसान योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के इच्छुक सभी किसानों के लिए किसान रजिस्ट्री अनिवार्य है।
* पंजीकरण की अंतिम तिथि 31 जनवरी, 2025 तक बढ़ा दी गई है।
* किसान ऑनलाइन या ऑफलाइन पंजीकरण करा सकते हैं।
* किसानों को पंजीकरण प्रक्रिया में सहायता के लिए हर गांव में शिविर लगाए जा रहे हैं।
अधिक जानकारी के लिए, कृपया आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ या अपने स्थानीय कृषि विभाग से संपर्क करें।
पंजीकरण के लिए चरण
आधिकारिक पोर्टल पर जाएँ
https://upfr.agristack.gov.in/farmer-registry-up/#/
उत्तर प्रदेश कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट या किसी निर्दिष्ट पंजीकरण पोर्टल पर जाएँ।
खाता बनाएँ/लॉगिन करें
यदि आप नए उपयोगकर्ता हैं, तो अपना मोबाइल नंबर या आधार नंबर देकर खाता बनाएँ।
मौजूदा उपयोगकर्ता अपने क्रेडेंशियल का उपयोग करके लॉग इन कर सकते हैं।
व्यक्तिगत विवरण भरें
अपना नाम, संपर्क विवरण, आधार नंबर और बैंक खाता जानकारी प्रदान करें।
खेती का विवरण दर्ज करें
अपनी भूमि का आकार और स्थान, उगाई जाने वाली फसलों का प्रकार, सिंचाई के स्रोत और स्वामित्व वाले किसी भी पशुधन को निर्दिष्ट करें।
दस्तावेज़ अपलोड करें
आवश्यक दस्तावेज़ जमा करें जैसे:
आधार कार्ड
बैंक पासबुक
भूमि स्वामित्व प्रमाण (खतौनी या इसी तरह के रिकॉर्ड)
आवेदन जमा करें
जानकारी की समीक्षा करें और सत्यापन के लिए अपना आवेदन जमा करें।
https://upfr.agristack.gov.in/farmer-registry-up/#/
सत्यापन प्रक्रिया
अधिकारी प्रदान की गई जानकारी का सत्यापन करेंगे, और सफल सत्यापन के बाद, किसान का पंजीकरण किया जाएगा।
पंजीकरण के लाभ
पीएम किसान सम्मान निधि योजना जैसी सरकारी योजनाओं तक पहुँच।
बीज, उर्वरक और कृषि उपकरणों के लिए सब्सिडी।
फसल बीमा और आपदा राहत लाभ।
आधुनिक कृषि तकनीकों पर प्रशिक्षण और कार्यशालाएँ।
https://upfr.agristack.gov.in/farmer-registry-up/#/
उत्तर प्रदेश में किसान पंजीकरण
उत्तर प्रदेश सरकार ने लाभ वितरण को सुव्यवस्थित करने और कृषि समुदाय के लिए कुशल समर्थन सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक किसान पंजीकरण प्रणाली शुरू की है। इस पहल का उद्देश्य किसानों का एक केंद्रीकृत डेटाबेस बनाना है, जिससे सब्सिडी, वित्तीय सहायता और सरकारी योजनाओं तक पहुँच का लक्षित वितरण संभव हो सके।
पंजीकरण प्रक्रिया
उत्तर प्रदेश में किसान आधिकारिक कृषि विभाग पोर्टल या नामित स्थानीय केंद्रों के माध्यम से पंजीकरण कर सकते हैं। इस प्रक्रिया में नाम, आधार संख्या और संपर्क जानकारी जैसे व्यक्तिगत विवरण सहित आवश्यक जानकारी प्रस्तुत करने की आवश्यकता होती है। इसके अतिरिक्त, किसानों को अपनी भूमि, फसलों और सिंचाई विधियों के बारे में विवरण प्रदान करना होगा। पंजीकरण के लिए भूमि स्वामित्व प्रमाण (खतौनी), आधार कार्ड और बैंक खाता विवरण जैसे दस्तावेज़ अनिवार्य हैं।
पंजीकरण स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्रों (KVK) या कृषि कार्यालयों में सहायता के माध्यम से ऑफ़लाइन भी पूरा किया जा सकता है, जिससे इंटरनेट तक पहुँच न रखने वालों के लिए समावेशिता सुनिश्चित होती है।
पंजीकरण के मुख्य लाभ
सरकारी योजनाओं तक पहुँच: पंजीकृत किसान पीएम किसान सम्मान निधि योजना जैसे कार्यक्रमों से लाभान्वित हो सकते हैं, जो प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं।
सब्सिडी और संसाधन: किसानों को बीज, उर्वरक और आधुनिक कृषि उपकरणों के लिए सब्सिडी मिलती है।
आपदा राहत: रजिस्ट्री प्राकृतिक आपदाओं या फसल विफलताओं के दौरान समय पर सहायता सुनिश्चित करती है।
प्रशिक्षण और जागरूकता: किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने के लिए कार्यशालाओं और संसाधनों तक पहुँच प्राप्त होती है।
कृषि पर प्रभाव
किसान पंजीकरण प्रणाली उत्तर प्रदेश में कृषि को डिजिटल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पारदर्शिता सुनिश्चित करता है, दोहराव को कम करता है और छोटे किसानों की ज़रूरतों को पूरा करता है। किसानों की ज़रूरतों के आधार पर उनकी पहचान और वर्गीकरण करके, सरकार नीतियों को अधिक प्रभावी ढंग से लागू कर सकती है, जिससे कृषि क्षेत्र में विकास को बढ़ावा मिलेगा।
यह पहल किसानों को सशक्त बनाने और राज्य में टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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